लखनऊ : प्रदेश सरकार ने 16 लाख से अधिक राज्य कर्मियों को महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का तोहफ ा दिया है। बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ कर्मचारियों को एक जुलाई 2017 से मिलेगा। राज्य कर्मचारियों के साथ ही सहायता प्राप्त शिक्षण व प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के कर्मचारियों को भी बढ़ी हुर्द दर का लाभ सरकार देगी। इससे सरकारी खजाने पर करीब 1000 करोड़ रुपये सालाना खर्च बढ़ेगा। बढ़े हुए महंगाई भत्ते का भुगतान एक फ रवरी 2018 को होगा।
सचिव वित्त मुकेश मित्तल ने मंगलवार को बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता देने का शासनादेश जारी किया है। प्रदेश के पूर्णकालिक नियमित राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं तथा शहरी स्थानीय निकायों के कर्मचारियों को एक जुलाई 2017 से संशोधित दर पर पांच फ ीसदी महंगाई भत्ता स्वीकृत किया गया है। यह वे अधिकारी और कर्मचारी हैं जिन्हें सातवें वेतन आयोग का लाभ मिल रहा है। अब तक इन कर्मचारियों को चार फीसदी महंगाई भत्ता मिलता रहा है। इन्हें एक फीसदी का लाभ होगा। यदि किसी कर्मचारी का वेतन 20 हजार रुपये महीने है तो उसे प्रति माह 200 रुपये का फायदा होगा।
एक जुलाई 2017 से 31 दिसंबर 2017 तक की देय धनराशि अधिकारियों/कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते में जमा की जाएगी। जिन अधिकारियों-कर्मचारियों का भविष्य निधि खाता नहीं खुला है उनकी अवशेष देय धनराशि को उनके पीपीएफ खाते में या एनएससी के रूप में दिया जाएगा। जिन राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण व प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं तथा शहरी स्थानीय निकायों के ऐसे कर्मचारी जिनका वेतन सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों पर नहीं है,उनके महंगाई भत्ते की मासिक दर मूल वेतन की 139 फीसदी होगी। मूल वेतन की गणना एक जनवरी 2006 से लागू पुनरीक्षित वेतन संरचना में कर्मचारियों को अनुमन्य वेतन बैंड में वेतन तथा अनुमन्य ग्रेड-वेतन के योग से की जाएगी। नियत वेतनमान में अनुमन्य वेतन ही मूल वेतन माना जाएगा। स्वीकृत महंगाई भत्ता उन कर्मचारियों को भी मिलेगा जो लागू होने की तिथि में सेवारत थे, लेकिन शासनादेश जारी होने से पूर्व सेवानिवृत्त हो गए हैं अथवा मृत्यु हो गई है।
राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत पात्र कर्मचारियों को देय महंगाई भत्ते के एरियर की दस फीसदी के बराबर धनराशि कर्मचारियों के टियर-एक पेंशन खाते में जमा की जाएगी। एरियर की शेष 90 फीसदी धनराशि संबंधित कर्मचारियों को नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) के रूप में दी जाएगी। जिन अधिकारियों, कर्मचारियों की सेवा शासनादेश जारी होने की तिथि से पूर्व समाप्त हो गई है अथवा जो अधिकारी, कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए हैं अथवा छह माह के अंदर सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उन्हें महंगाई भत्ते के बकाए की पूरी धनराशि का भुगतान नगद किया जाएगा।